Zomato CEO के स्पीच का मुरीद हुए पीएम मोदी

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By A2z Breaking News



Zomato CEO Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोमैटो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल के उस स्पीच को सुनकर खुश हो गए, जब वे 20 साल पहले स्टार्टअप शुरू करने की मंशा लेकर अपने पिता के पास गए थे. इस स्पीच में जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने बताया कि स्टार्टअप की शुरुआत करने का विचार लेकर जब वे अपने पिता के पास गए थे, तब उन्होंने उनसे कहा था, ‘तू जानता है, तेरा बाप कौन है?’ दीपेंदर गोयल पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से आयोजित ‘विशेष संपर्क’ कार्यक्रम में स्टार्टअप को शुरुआत करने को लेकर पैदा हुई चुनौतियों पर जानकारी साझा कर रहे थे.

दीपेंदर गोयल ने चुनौतियों को किया साझा

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राजीव चंद्रशेखर के कार्यक्रम में जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा कि जब मैंने 2008 में जोमैटो शुरू किया था, तब मेरे पिता कहा करते थे, ‘तू जानता है, तेरा बाप कौन है?’ उस समय मेरे पिता को लगता था कि हमारी साधारण पृष्ठभूमि को देखते हुए मैं कभी भी स्टार्टअप की शुरुआत नहीं कर सकता. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार की पहल ने मेरे जैसे छोटे शहर के लड़के को जोमैटो जैसा कुछ बनाने के काबिल बनाया, जो आज लाखों लोगों को रोजगार देता है.

पीएम मोदी ने वीडियो किया शेयर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर दीपिंदर गोयल के स्पीच का एक वीडियो साझा करते हुए एक पोस्ट में लिखा कि आज के भारत में किसी का उपनाम कोई मायने नहीं रखता. जो मायने रखता है, वह कड़ी मेहनत है. दीपेंदर गोयल आपकी यात्रा सचमुच प्रेरणादायक है. यह अनगिनत युवाओं को अपने उद्यमशीलता के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है. हम स्टार्टअप्स को फलने-फूलने के लिए सही माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का किया विरोध: पीएम मोदी

इससे पहले बिहार के मोतिहारी में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर बाबा साहेब अंबेडकर नहीं होते, तो नेहरू कभी भी एससी, एसटी और ओबीसी के लिए कोटा पर सहमत नहीं होते. नेहरू ने उस समय के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठियों में इस मुद्दे पर अपने विचार स्पष्ट कर दिए थे. उन्होंने आगे कहा कि यह लगातार प्रधानमंत्रियों के तहत कांग्रेस की विशेषता रही है. चाहे इंदिरा गांधी हों या राजीव गांधी सभी ने आरक्षण का विरोध किया. एससी, एसटी और ओबीसी को कांग्रेस से कभी सम्मान नहीं मिला.

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