Lok Sabha Outcome: सात चरण…हर बार कहानी रही अलग; जानें किस चरण में कौन सा मुद्दा रहा हावी

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By A2z Breaking News



लोकसभा चुनाव।
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

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हर चरण में चुनाव की रंगत और तासीर बदलती रही। वैसे तो एक दूसरे पर सियासी हमले महीनों पहले शुरू हो गए थे लेकिन मतदान की नजदीकी के साथ जरूरत के मुताबिक रणनीति बदलती रही…जुबानों से निकले तीर और जहरीले होते गए। किसी चरण में पक्ष को फायदा दिखा तो किसी में विपक्ष ने भी बाजी मारी।

पहला चरण : 19 अप्रैल

21 राज्य- 102 सीटें

मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र…भाजपा को ही लगा झटका

मुद्दाविहीन नजर आ रहे आम चुनाव में कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने पर गहमागहमी नजर आई। इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रति जताई गई कांग्रेस की प्रतिबद्धता और यूसीसी के विरोध को भाजपा ने हाथों हाथ लेते हुए इसे मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र करार दिया। जवाब में कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड में कथित हेरफेर को मुद्दा बनाया। मतदान के पांच दिन पहले जारी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में यूसीसी, एक देश एक चुनाव के प्रति प्रतिबद्धता जताई। घोषणा पत्र को साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश करार देते हुए कांग्रेस ने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया। पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें आठ सीटें पश्चिमी यूपी की थीं जिन पर सपा और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया।

नहीं मिला भाजपा को फायदा

इस चरण में  भाजपा की सीटों की संख्या 37 से घट कर 30 पर पहुंच गईं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन को बड़ा लाभ हुआ। पिछले चुनावों में जहां 14 सीटें मिलीं थीं वहीं इस बार गठबंधन को 53 सीटें मिलीं।

प्रचार युद्ध के तीर

विकास की बात से शुरू हुआ प्रचार युद्ध पार्टियों पर हमले तक पहुंचा। कुछ ही दिनों में नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणियां शुरू हो गईं। कांग्रेस के राहुल गांधी जहां निशाना बने, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी विपक्ष ने नहीं छोड़ा और तानाशाह बताया।



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