वहीं, स्मृति मंधाना ने क्रिकेट में अपने सफर को लेकर कहा, “मेरे पिता का सपना था कि मैं और भैया क्रिकेट में अपना करियर बनाएं. मैंने अपने भाई को देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया और मैं सही थी, लेकिन मैंने अपने भाई को देखकर बाएं हाथ से खेलना शुरू किया.”
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