Jasprit Bumrah दुबले-पतले और कमजोर थे, पड़ोसी ने उनके बचपन के संघर्ष का किया खुलासा

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By A2z Breaking News



Jasprit Bumrah: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका पर जीत के साथ टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतकर इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज कर लिया है. आधुनिक क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माने जाने वाले बुमराह ने टूर्नामेंट में 15 विकेट चटकाए और अपनी टीम को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. हालांकि, बुमराह के लिए ‘लीजेंड’ बनने का सफर आसान नहीं था. उन्होंने काफी संघर्ष किया है. बचपन के दिनों में उनकी पड़ोसी रही पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें बुमराह के संघर्ष की कहानी है. यह पोस्ट बुमराह के बचपन के दिनों के किस्सों से भरी हुई है. उन्होंने खूबसूरती से बताया कि कैसे एक शर्मीला बच्चा क्रिकेट लीजेंड बन गया.

बचपन में काफी कमजोर थे बुमराह

जसप्रीत बुमराह के बचपन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह बुमराह के परिवार और खास तौर पर उनकी मां की काफी करीबी थीं. बुमराह के बचपन को याद करते हुए उन्होंने अपने भावुक पोस्ट में लिखा कि यह मेरा पहला मौका था जब मैंने किसी नवजात शिशु को छुआ था. मुझे बस इतना याद है कि बच्चा दुबला-पतला था. वह मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह मुस्कुरा नहीं रहा था. नर्स ने बताया कि वह लड़का दुबला-पतला और कमजोर था. लेकिन डॉक्टरों ने जल्द ही स्थिति संभाल ली थी.

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बचपन में ही पिता का हो गया था निधन

महिला पत्रकार ने आगे लिखा कि मेरी दोस्त के पति (जसप्रीत बुमराह के पिता) का जल्द ही निधन हो गया. जीवन बदल गया. हम निराश हो गए थे. उस पूरे महीने मैंने बच्चों को संभाला. उन्हें पढ़ाती रही. इस लड़के ने कभी भी दिलचस्पी नहीं दिखाई और अपनी सस्ती प्लास्टिक की गेंद से खेलना शुरू कर दिया. मैं कभी-कभी उनके बिस्किट भी खा लेती थी क्योंकि बच्चों की देखभाल करते समय मुझे भूख लगती थी. हम भूखे रहे, हमने संघर्ष किया, हमने रोया, हमने लड़ाई की. उन्होंने आगे बुमराह के संघर्षों के बारे में भी बताया और एक प्यारी कहानी भी शेयर की.

बुमराह की मां करती थी 16 से 18 घंटे काम

बुमराह के बारे में बात करते हुए वह आगे बताती हैं कि हम उसे अमूल डेयरी का एक पैकेट या कोई भी दूध बड़ी मुश्किल से दे पाते थे. जब वह बड़ा हो रहा था तो हम सब अपनी जरूरतें पूरी करने में व्यस्त थे. उसकी मां दिन में कम से कम 16 से 18 घंटे काम करती थी. मुझे याद है कि एक बार मेरा वेतन बढ़ा और मैं वेस्टसाइड गई, जो उस समय की सबसे पॉश दुकान थी. वहां मैं कुर्ता खरीदने गई थी. जसप्रीत वहां था, लगभग 8 साल का था. वह अपनी मां के साथ उनके दुपट्टे के पीछे छिपा हुआ था. उसे विंडचीटर चाहिए था. मैंने दीवाली, क्रिसमस और अपना जन्मदिन बिना नए कुर्ते के बिताया. लेकिन उसके विंडचीटर ने मुझे राजदीप राणावत या मनीष मल्होत्रा का डिजाइन किया कुर्ता पहनने का संतोष दिया.

काफी शर्मीले थे बुमराह

उन्होंने आगे लिखा कि अपनी बहन के विपरीत, वह एक शर्मीला और चुप रहने वाला बच्चा था. लेकिन आज वह लीजेंड है. उसकी उपलब्धियों में और इजाफा करते हुए, कल रात उसने हमारे लिए क्रिकेट विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हर भारतीय को उस पर गर्व होना चाहिए और उससे सीखना चाहिए. उसकी विनम्रता में कोई बदलाव नहीं आया है. उसका नाम जसप्रीत बुमराह है. उन्होंने बुमराह और उनके परिवार के सदस्यों की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और कई यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने अपना पोस्ट हटा लिया.





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