झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची जेल से रिहा (वीडियो ग्रैब)
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी। कोर्ट ने शुक्रवार को सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद शुक्रवार शाम हेमंत रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल से बाहर भी आ गए। कोर्ट ने सोरेन की जमानत याचिका पर अपना फैसला 13 जून को सुरक्षित रख लिया था।
#WATCH | Former Jharkhand CM & JMM chief Hemant Soren launched on bail from Birsa Munda jail in Ranchi
He was granted bail by Jharkhand HC in a land rip-off case. pic.twitter.com/uyuCsSP7NT
— ANI (@ANI) June 28, 2024
हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद पार्टी नेताओं और समर्थकों के बीच उत्साह देखा गया।
इससे पहले सोरेन के वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी ने बताया कि सोरेन को जमानत दे दी गई है। जमानत देते हुए अपने आदेश में अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहा किए जाने दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध किए जाने की कोई आशंका नहीं है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। सोरेन (48) वर्तमान में बिरसा मुंडा जेल में हैं। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील एस वी राजू ने दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध फिर करेंगे।
रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
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