Hamida Banu Google Doodle : सर्च इंजन गूगल (Search Engine Google) किसी खास अवसर पर और महान हस्तियों के सम्मान में डूडल (Google Doodle) बनाकर उनके बारे में हमें बताता है. इसी क्रम में गूगल ने शनिवार को भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानू (Hamida Banu) की याद में शानदार डूडल डेडिकेट किया है. गूगल ने अपने डूडल के जरिये उस खेल में एक महिला के प्रवेश की याद दिलायी है, जो 1940 और 1950 के दशक में केवल पुरुषों का गढ़ माना जाता था.
साहसिक चुनौतियों से भरी रही यात्रा
भारत में आज की तारीख में महिला पहलवानों का बोलबाला है. ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक और कॉमनवेल्थ चैंपियन विनेश फोगाट जैसे बड़े नामों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी हासिल कर देश का और खुद का नाम ऊंचा किया है. आज हम बात करेंगे देश की पहली महिला रेसलर हमीदा बानू की, जिन्हें चार माई 2024 का गूगल डूडल समर्पित है. भारत की पहली पेशेवर महिला पहलवान के रूप में लोकप्रिय हमीदा बानू की यात्रा बड़ी उल्लेखनीय रही है, जो साहसिक चुनौतियों से भरी हुई थी.
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शादी के लिए खास शर्त
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 1954 में जब हमीदा बानू 30 वर्ष की थीं, तब उन्होंने यह ऐलान किया था कि जो भी पुरुष उन्हें कुश्ती में हरा देगा, वह उससे शादी कर लेंगी. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. इस घोषणा के बाद उन्होंने पंजाब और बंगाल के पुरुष चैंपियन पहलवानों को तगड़ी शिकस्त दी. इसके बाद उनसे लड़ने वाले किसी न किसी बहाने से मैच से पीछे हट जाते थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो हमीदा बानू जब रेसलिंग रिंग में उतरती थीं, तो विरोधी उन्हें देखकर डर जाते थे.
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