Girls Well being: बॉडी को इनएक्टिव रखने या बहुत आलस करने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होती हैं. आमतौर पर यह कहा जाता है कि एक जवान व्यक्ति को हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट आसान एक्सरसाइज या 75 मिनट मुश्किल एक्सरसाइज करनी चाहिए, साथ ही प्रति सप्ताह दो या उससे ज्यादा दिन मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज भी करनी चाहिए. बॉडी इनएक्टिव तब होता है जब व्यक्ति बहुत अधिक आलस करता है, जिससे लाइफ स्लो बन जाती है. महिलाओं के लिए इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करते हैं और विभिन्न रोगों के विकास में योगदान देते हैं.
हृदय स्वास्थ्य
एक्सरसाइज न करने का सबसे जल्दी और साफ प्रभाव हृदय स्वास्थ्य पर पड़ता है. स्वस्थ हृदय को बनाए रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज महत्वपूर्ण है. महिलाओं में आलस हृदय रोग के विकास के जोखिम को काफी बढ़ा देती है, जो वैश्विक स्तर पर महिलाओं के मृत्यु का प्रमुख कारण है. इससे वजन बढ़ता है, रक्तचाप बढ़ता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है. इसके अलावा, एक्सरसाइज ना करने वाली महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना अधिक होती है.
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हड्डियों का स्वास्थ्य
हड्डियों का स्वास्थ्य भी आलस से प्रभावित होता है. महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का जोखिम अधिक होता है, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है. वजन उठाने वाले व्यायाम, चलना, दौड़ना, हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं. डेली एक्सरसाइज के बिना, महिलाओं की हड्डियां समय के साथ अधिक कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है, खासकर ज्यादा उम्र वाली महिलाओं में.
मानसिक स्वास्थ्य
इसके अलावा आलस का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है. एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन निकलता है, जो मस्तिष्क में ऐसे रसायन होते हैं जो प्राकृतिक रूप से दर्द दूर करते हैं और मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं. डेली एक्सरसाइज डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, जो महिलाओं में आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं.
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कैंसर
स्तन और पेट के कैंसर सहित कुछ कैंसर का जोखिम भी आलस के साथ बढ़ जाता है. एक्सरसाइज एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो स्तन कैंसर के विकास को प्रभावित कर सकता है. सही वजन बनाए रखने और डेली एक्सरसाइज करने से, महिलाएं इन कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं.
प्रजनन स्वास्थ्य
इसके अलावा, आलस करना प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकताहै. डेली एक्सरसाइज मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करती है और प्रीमेंस्ट्रअल सिंड्रोम (PMS)और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)के लक्षणों को कम कर सकता है.
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