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First Cry IPO: रतन टाटा फर्स्टक्राई में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेंगे! जानें कंपनी ने बनाया क्या प्लान


First Cry IPO: भारत के सबसे बड़े उद्योग घराने टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (Ratan Tata) ई-कॉमर्स कंपनी के FirstCry के आने वाले आईपीओ में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने वाले हैं. उन्होंने ब्रेनबीज सॉल्यूशंस (Brainbees Options) से 66 लाख रुपये में 2016 में कंपनी की 0.02 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. सेबी के पास दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, टाटा ने सभी 77,900 शेयरों को ₹84.72 की प्रति शेयर के औसत से बेचने की योजना बनायी है. डीआरएचपी के अनुसार, ऑनलाइन रिटेलर की मूल कंपनी ब्रेनबीज ₹1,816 करोड़ के नए शेयर जारी करेगी. जबकि मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (Supply For Promote) के माध्यम से 54.39 मिलियन शेयर बेचेंगे.

फर्स्टक्राई आईपीओ से पहले और कौन बेच रहा है शेयर?

ओएफएस में प्रमुख विक्रेताओं में 20.3 मिलियन शेयरों के साथ सॉफ्टबैंक का एसवीएफ फ्रॉग (केमैन), 2.8 मिलियन शेयरों के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा, 8.6 मिलियन शेयरों के साथ पीआई अपॉर्चुनिटीज फंड-1, टीपीजी ग्रोथ वी एसएफ मार्केट्स 3.9 मिलियन शेयरों के साथ, और न्यूक्वेस्ट एशिया इन्वेस्टमेंट्स 3 मिलियन शेयरों के साथ शामिल होने वाले हैं. अन्य विक्रेताओं में 2.5 मिलियन शेयरों के साथ एप्रीकॉट इन्वेस्टमेंट्स, 2.4 मिलियन शेयरों के साथ वैलेंट मॉरीशस पार्टनर्स, 8.37 मिलियन शेयरों के साथ टीआईएमएफ होल्डिंग्स (मॉरीशस), 8.37 मिलियन शेयरों के साथ थिंक इंडिया अपॉर्चुनिटीज और 6.16 मिलियन शेयरों के साथ श्रोडर्स कैपिटल इस लिस्ट में शामिल हैं. फर्स्टक्राई के सह-संस्थापक सुपम माहेश्वरी भी अपने शेयर बेचने वाले व्यक्तिगत शेयरधारकों में शामिल हैं.

फर्स्टक्राई आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कैसे करेगी कंपनी?

फर्स्टक्राई के बाजार फायलिंग के अनुसार, कंपनी बाजार से प्राप्त पैसों को तीन कैटेगरी में बांटकर इस्तेमाल करने वाली है. इसका मुख्य मकसद, नये स्टोर खोलने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का है. कंपनी के अनुसार, वो अपने पैसों का ऐसे इस्तेमाल करेगी.

• नए स्टोर, गोदाम स्थापित करना

• भारत में मौजूदा चिन्हित दुकानों के लिए लीज भुगतान

• विदेशी विस्तार के लिए सहायक कंपनी फर्स्टक्राई ट्रेडिंग में निवेश

• सऊदी अरब में नए गोदाम और स्टोर स्थापित करना

• बिक्री और विपणन पहल

• प्रौद्योगिकी और डेटा विज्ञान लागत, जिसमें क्लाउड और सर्वर होस्टिंग-संबंधित खर्च भी शामिल हैं.

• अधिग्रहण और अन्य रणनीतिक पहलों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के माध्यम से अकार्बनिक विकास को वित्त पोषित करना.

आईपीओ क्या होता है

आईपीओ का पूरा नाम Preliminary Public Providing है. यह एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें किसी प्राइवेट कंपनी ने अपने स्टॉक के खुले बाजार में निवेशकों के लिए प्रस्तावना जारी करने का निर्णय लिया होता है. यह उस कंपनी के लिए पहली बार होता है जब वह खुले बाजार में अपने शेयरों को बेचने के लिए जाती है. जब एक कंपनी आईपीओ जारी करती है, तो वह अपने शेयरों का प्रचार प्रसार करती है और इंवेस्टर्स को अपने शेयरों को खरीदने का मौका देती है. आईपीओ के माध्यम से कंपनी उसके स्टॉक को सार्वजनिक और न्यूजीज माध्यमों के माध्यम से निवेशकों के लिए उपलब्ध कराती है ताकि वे उसे खरीद सकें. आईपीओ के माध्यम से कंपनी अधिकतर अपने स्टॉक के लिए नए निवेशकों को खींचने की कोशिश करती है और इसके माध्यम से कंपनी अधिकतर पूंजी एकत्र करके अपने विकास और वित्तीय योजनाओं को पूरा करती है. यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प होता है क्योंकि यह उन्हें एक सार्वजनिक कंपनी के मालिक बनाने का अवसर प्रदान करता है.



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