केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में बजट का आकार 6.1 प्रतिशत बढ़कर 47.66 लाख करोड़ रुपये रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बताया, संशोधित अनुमान के अनुसार उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 27.56 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है. इसमें कर प्राप्तियां 23.24 लाख करोड़ रुपये हैं. कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपये है. आइये बजट का पूरा लेखा-जोखा जानें. मसलन, सरकार कमाई कहां से करेगी और खर्च कहां-कहां होगी.
रुपया कहां से आएगा – सरकार अगर एक रुपये कमाती है, तो कहां-कहां से और कितनी कमाई होगी, यहां देखें.
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उधार और अन्य देयताएं (Borrowings and different liabilities) – 28 पैसे
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आयकर (Revenue tax) – 19 पैसे
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जीएसटी और अन्य कर (GST and different taxes) – 18 पैसे
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निगम कर (Company tax) – 17 पैसे
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कर भिन्न प्राप्तियां (non-tax receipts) – 7 पैसे
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केंद्रीय उत्पाद शुल्क (central excise responsibility) – 5 पैसे
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सीमा शुल्क (Customized responsibility) – 4 पैसे
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ऋण भिन्न पूंजी प्राप्तियां (non-debt capital receipts)- 1 पैसे
सरकार कहां खर्च करेगी
सरकार एक रुपये कमाएगी, तो उसमें ब्याज चुकाने में 20 पैसे खर्च हो जाएंगे. जबकि सरकार 20 पैसे राज्यों को बांट देगी. 16 पैसे केंद्रीय योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजना में 8 पैसे खर्च करेगी. सरकार कहां-कहां और कितना खर्च करेगी. देखें नजर.
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ब्याज (Curiosity) – 20 पैसे
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करों और शुल्क में राज्य का हिस्सा (State share of taxes duties) – 20 पैसे
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केंद्रीय योजनाओं (central schemes) – 16 पैसे
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केंद्र प्रायोजित योजनाएं (Centrally Sponsored Schemes) – 8 पैसे
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वित्त आयोग और अन्य अंतरण (Finance Fee and different transfers) – 8 पैसे
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रक्षा (defence) – 8 पैसे
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आर्थिक सहायता (subsidies) – 6 पैसे
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पेंशन (pension) – 4 पैसे
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अन्य व्यय (different bills) – 9 पैसे
अंतरिम बजट में ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज, अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनाओं की घोषणाओं से परहेज किया और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी. इसके अलावा उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर की दरों को भी यथावत रखा है, यानी आयकर स्लैब में किसी तरह बदलाव नहीं किया है. लगभग एक घंटे के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रखा और पर्यटन, आवास तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उपायों की घोषणा की.
मनरेगा के लिए आवंटन में कोई बदलाव नहीं
सीतारमण ने बजट में 2024-25 में खाद्य, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी में पिछले वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव किया है. साथ ही ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के लिए आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया.
सड़क, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे बुनियादी ढांचे पर खर्च 11.11 लाख करोड़ रुपये
आर्थिक वृद्धि की गति बनाये रखने और अधिक नौकरियां पैदा करने के मकसद से सड़क, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे बुनियादी ढांचे पर खर्च 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
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