Covid-19: नए वैरिएंट ने बढ़ा दिया है खतरा, कैसे हैं दिल्ली के हालात? डॉक्टर की इस सलाह पर गंभीरता से दें ध्यान

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By A2z Breaking News


कोरोनावायरस को भले ही एंडेमिक स्टेज में मान कर चला जा रहा है पर वैश्विक स्तर पर इसके कारण संक्रमण की रफ्तार अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक महीने में चीन, सिंगापुर, यूएस और भारत सहित कई देशों में संक्रमण के मामलों में अचानक से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इन दिनों संक्रमण के अधिकतर मामलों के लिए ओमिक्रॉन के म्यूटेटेड वैरिएंट JN.1 को प्रमुख कारण माना जा रहा है।

अध्ययनों में इस नए वैरिएंट की संक्रामकता दर अधिक बताई जा रही है जिसके कारण तेजी से इसके प्रसार का जोखिम बना हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सर्तकता बरतते रहने की सलाह दे रहे हैं।

भारत में कोरोना की स्थिति की बात करें तो यहां संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले दो राज्यों- कर्नाटक और केरल में दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है दिल्ली-एनसीआर के हालात कैसे हैं? क्या यहां भी संक्रमण गति पकड़ रहा है? आइए जानते हैं।

क्या कहते हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन तीन से चार कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं, यहां हालात फिलहाल काफी नियंत्रित है। वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए अस्पतालों को अलर्ट किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कोविड-19 स्थिति पर केंद्र के साथ एक बैठक हुई और हमें बताया गया कि केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में मामले अधिक बढ़ रहे हैं। एहतियात के तौर पर दिल्ली में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है, हर दिन औसतन तीन से चार मामले देख रहे हैं। हमने मॉक ड्रिल आयोजित की है और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गई हैं।

अस्पतालों में कैसी है स्थिति?

क्या अस्पतालों में कोरोना के मरीज भर्ती हो रहे हैं, इस बारे में जानने के लिए हमने दिल्ली-एनसीआर के एक निजी अस्पताल में इंटेंसिव केयर के डॉक्टर अरविंद पाण्डेय से बातचीत की। डॉक्टर बताते हैं, फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रित है। कुछ स्थानों पर संक्रमितों की पुष्टि जरूर की गई है, लेकिन मामलों के बढ़ने की सूचना नहीं है। ज्यादातर लोग घर पर रहकर ठीक हो रहे हैं।

JN.1 वैरिएंट की प्रकृति गंभीर रोगकारक नहीं है, ऐसे में अस्पतालों में भीड़ बढ़ने की आशंका भी कम है। हालांकि जिन लोगों में पहले से ही कोमोरबिडिटी की शिकायत, जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर या फिर एचआईवी है उनमें संक्रमण की स्थिति में खतरा हो सकता है। 

सावधानी जरूरी वरना बिगड़ सकते हैं हालात

डॉक्टर कहते हैं, कोरोना भले ही अभी नियंत्रित है पर ये छुट्टियों का मौसम है। क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए लोग एकत्रित होंगे। दूसरी तरफ नए वैरिएंट की प्रकृति संक्रामक और शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने वाली देखी जा रही है। ऐसे में पार्टियों में एक भी व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो उससे संक्रमण का प्रसार बढ़ने का खतरा हो सकता है। इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है।

भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर इन दिनों जाने से बचना चाहिए, मास्क पहनने की शुरुआत फिर से करें। कोरोना खतरनाक भले ही न हो पर इसकी संक्रामकता जरूर अधिक है, इसलिए अलर्ट रहना बहुत जरूरी है।   

बूस्टर शॉट ले चुकें हैं फिर भी बरतें सावधानी

डॉक्टर कहते हैं, दुनियाभर में वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में भी संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। भले ही आप बूस्टर शॉट लगवा चुके हैं फिर से कोरोना से बचाव के लिए उपाय करते रहना जरूरी है। वैक्सीनेशन गंभीर रोगों और मृत्यु के खतरे को कम करती है, इसलिए जरूरी है कि हम सभी लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहें। वैरिएंट की प्रकृति भले ही हल्के रोग वाली हो फिर भी बचाव के उपाय जरूरी हैं। 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।



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