टीम इंडिया के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शुक्रवार को विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 179 रन की पारी खेलने के बाद कहा कि उनका ध्यान सत्र दर सत्र बल्लेबाजी करने पर लगा था. इस 22 साल के खिलाड़ी के शतक से भारत ने पहले दिन स्टंप उखड़ने तक छह विकेट पर 336 रन बनाए. छह टेस्ट में यह जायसवाल का दूसरा शतक है. दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अपने टेस्ट डेब्यू में ही इस खिलाड़ी ने शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया था और 171 रन जड़ दिए थे. इंग्लैंड के खिलाफ जायसवाल की नजरें अब दोहरे शतक पर है.
रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को दिया श्रेय
यशस्वी जायसवाल ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘मैं सत्र दर सत्र खेलना चाहता था. जब वे अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे तो मैं उस स्पैल को खत्म होने देना चाहता था. लेकिन मैं ढीली गेंदों को रन में बदलकर अंत तक खेलते रहना चाहता था.’ उन्होंने कहा, ‘राहुल द्रविड़ सर और रोहित भाई ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया और मुझे इसे बड़ी पारी में तब्दील करने के साथ अंत तक क्रीज पर डटे रहने को कहा.’
पहले मैच में जायसवाल ने बनाए थे 80 रन
हैदराबाद में सीरीज के शुरुआती मैच में 80 रन की पारी खेलने वाले जायसवाल ने सुनिश्चित किया कि वह अपनी मजबूत शुरुआत को बड़े शतक में तब्दील करें. जायसवाल ने कहा, ‘मैं इसे दोहरा शतक बनाना चाहूंगा और टीम के लिए अंत तक क्रीज पर बने रहना चाहूंगा. मैं कल के लिए तरोताजा होना चाहता हूं.’ पिच की प्रकृति के बारे में पूछने पर जायसवाल ने कहा, ‘शुरू में विकेट नम था और इसमें ‘स्पिन और उछाल’ के साथ थोड़ी सीम भी थी.’
पिच के बारे में जायसवाल ने कही यह बात
उन्होंने कहा, ‘पिच थोड़ा अलग बर्ताव कर रही थी क्योंकि सुबह में यह थोड़ी नम थी लेकिन फिर यह ठीक हो गयी. पुरानी गेंद से इस पर थोड़ा उछाल था.’ भारत ने अंतिम सत्र में तीन विकेटगंवाकर 111 रन जोड़े जिसमें अक्षर पटेल (51 गेंद में 27 रन) और केएस भरत (23 गेंद में 17 रन) शामिल थे. इंग्लैंड की ओर से पदार्पण कर रहे शोएब बशीर और रेहान अहमद ने दो-दो विकेट झटके. पदार्पण कर रहे रजत पाटीदार (72 गेंद में 32 रन) ने लेग स्पिनर रेहान अहमद की गेंद को डिफेंड करने की कोशिश की लेकिन बोल्ड हो गये.
भारत के पास सीरीज बराबर करने का मौका
पांच मैच की सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही भारतीय टीम दूसरे दिन इस स्कोर को कम से कम 500 रन तक पहुंचाना चाहेगी ताकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को ऐसी पिच पर दबाव में ला सके जिस पर तीसरे दिन से ‘वैरिएबल’ उछाल आने की उम्मीद है. शुरुआती दिन कुछेक गेंद नीची रही, वर्ना हालात बल्लेबाजों के अनुकूल थे. रवींद्र जडेजा के चोटिल होने से पुछल्ले बल्लेबाज की कतार लंबी हो गयी है जिस पर भारत को 500 रन के करीब पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी.
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