6431 crores spent however water didn’t attain 29 lakh homes

Photo of author

By A2z Breaking News



सतीश कुमार (रांची).

‘जल जीवन मिशन’ के तहत झारखंड के ग्रामीण इलाकों में चल रही ‘हर घर नल जल योजना’ पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अब तक 6431 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इसके बावजूद झारखंड में उपलब्धि 54% ही है. पांच वर्षों के दौरान केंद्र सरकार की ओर से इस योजना पर 3140 करोड़ व राज्य सरकार की ओर से 3291 रुपये खर्च हो चुके हैं. यह योजना वर्ष 2019 में शुरू हुई थी. दिसंबर 2024 तक इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों के 62.31 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाना हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 33.41 लाख तक घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है. शेष सात माह में इस योजना के तहत बचे हुए लगभग 29 लाख घरों तक पाइप लाइन से पानी पहुंचाना है. राज्य के लगभग 46% घरों में रहनेवाले लोग अब भी प्राकृतिक जलस्रोत पर निर्भर हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से राज्य को अलग-अलग बांट कर कुल 96,628 योजनाएं शुरू की गयी हैं. इसमें से 94,221 योजनाएं अब भी चल रही हैं. 2407 योजनाओं पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. सिर्फ 9,795 योजनाएं ही पूर्ण हो पायी हैं. वित्तीय रूप से पूर्ण योजनाओं की संख्या सिर्फ 346 ही है.

देश के सबसे पिछड़े जिलों में पाकुड़ और गोड्डा :

जल जीवन मिशन में झारखंड के पाकुड़ व गोड्डा जिला देश के पिछड़े जिलों में शामिल हैं. पाकुड़ के 12.71 प्रतिशत घरों में ही नल से जल पहुंचाया जा सका है. पाकुड़ में कुल घरों की संख्या 2,27,944 है. इसमें से सिर्फ 28,966 घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया है. वहीं, गोड्डा की प्रगति सिर्फ 19 प्रतिशत हैं. गोड्डा में घरों की संख्या 3,03,002 है. इसमें से 57,564 घरों तक पाइप लाइन से पहुंचाया जा सका है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



<

Discover more from A2zbreakingnews

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d