हमारे आसपास ऐसी कई चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल हम रोज करते हैं लेकिन उनके बारे में शायद बहुत कम जानते हैं. इन्हीं में से एक है आपके घरों को रोशन करनेवाला बल्ब.
क्या आप जानते हैं कि बल्ब के अंदर कौन सी गैस भरी रहती है? पुराने दिनों में जो बल्ब इस्तेमाल होते आ रहे हैं, उनमें अंदर की स्प्रिंग किस खास धातु से बनी होती है!
बल्ब के अंदर एक खास गैस होती है, जो निष्क्रिय रहती है. आर्गन गैस किसी और गैस के साथ क्रिया नहीं करती. ऐसे में बल्ब के अंदर मौजूद फिलामेंट इससे सुरक्षित रहता है.
बल्ब के फिलामेंट यानी स्प्रिंग जैसा जो हिस्सा होता है, वह टंगस्टन से बना होता है. टंगस्टन जल्दी गर्म होता है और उच्च तापमान को सहने की क्षमता रखता है.
पीले रंग के बल्ब जो अब कम इस्तेमाल होते हैं, उनमें आर्गन गैस भरी होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह गैस किसी और गैस के साथ रिएक्ट नहीं करती. इस तरह बल्ब के अंदर मौजूद फिलामेंट सुरक्षित रहता है.
सीएफएल बल्ब में आर्गन और पारा का मिश्रण होता है. एलईडी की बात करें, तो इसमें कोई गैस नहीं होती है. इसके निचले हिस्से में सारे कम्पोनेंट होते हैं, जबकि ऊपर प्लास्टिक कवर होता है.
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