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लोकसभा चुनाव: यूपी ने भाजपा को अकेले बहुमत हासिल करने से रोका, सपा ने 37 सीटों के साथ रचा इतिहास


यूपी के चुनावी रिजल्ट।
– फोटो : अमर उजाला

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सूबे की सियासत की चर्चित कहावत है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से होकर जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में यह कहावत एक बार फिर सही साबित हुई। प्रदेश में 2014 से लोकसभा व विधानसभा के लगातार चार चुनावों में शानदार प्रदर्शन कर रही भाजपा को इस चुनाव में यूपी में तगड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा व उसके सहयोगी दलों के विजय रथ को कुल 80 सीटों में आधे से भी कम 36 पर रोक दिया। भाजपा 33 व सहयोगी दल तीन सीटें ही पा सके। इसका असर ये हुआ है कि भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण बहुमत का जादुई आंकड़ा अकेले हासिल नहीं कर पाई।

समाजवादी पार्टी 37 व कांग्रेस छह सीटों के साथ 43 सीटें जीतने में सफल रही। भाजपा को 2014 में अकेले 71 व 2019 में 62 सीटें मिली थीं। बसपा वर्ष 2014 की तरह यह चुनाव भी अकेले लड़ी। अकेले लड़कर वह इस चुनाव में भी खाता नहीं खोल पाई। बसपा ने पिछला चुनाव सपा से गठबंधन कर लड़ा था और 10 सीटें जीतकर बड़े फायदे में थी।

पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से लगातार तीसरा चुनाव जीते। लेकिन, केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्री चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस ने रायबरेली सीट पर अपना कब्जा तो बरकरार ही रखा, केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी से अमेठी सीट भी छीन ली है। रायबरेली सीट सोनिया गांधी ने छोड़ी थी, जिसे राहुल ने बरकरार रखा। अमेठी में गांधी परिवार के करीबी किशोरीलाल शर्मा ने इरानी को हराकर पिछले चुनाव में राहुल की हार का हिसाब बराबर कर लिया। नजरें सपा मुखिया अखिलेश यादव के परिवार के सदस्यों से जुड़ी सीटों पर भी थी। अखिलेश यादव परिवार के सभी सदस्य अपनी-अपनी सीटें आसानी से जीत गए।



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