बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा खत्म? सीएम खट्टर की सलाह के बाद आई बड़ी खबर

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By A2z Breaking News


भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के काबिज होने के बाद से मामला गरम है. मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एथलीटों को खेल पर फोकस करने की सलाह दी है. साथ ही, राजनीतिक घेरे में न फंसने को कहा है. इस बीच रविवार को एक बड़ी खबर आई. जनकारी के अनुसार, खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव को सस्पेंड कर दिया है. इस संबंध में अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे ने खबर दी है. आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह चुनाव में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने थे जिसके बाद विनेश फोगट, बजरंग पुनिया के साथ-साथ साक्षी मलिक सहित शीर्ष पहलवानों ने नाराजगी जताई थी.

संजय सिंह ने बीजेपी सांसद के करीबी होने को लेकर चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया पिछले दिनों दी थी. उन्होंने कहा था कि क्या सांसद का करीबी होना गुनाह है? मैं हमेशा पदों पर रहा हूं और इसका सांसद से कोई लेना-देना नहीं है.. मैं पहले वाराणसी के कुश्ती संघ का प्रमुख था. संजय सिंह के इस पद पर चुने जाने के बाद बृजभूषण सिंह ने खुशी जताई थी और कहा कि महासंघ पर उनका प्रभुत्व पहले की तरह (दबदबा, दबदबा रहेगा) जारी रहेगा.

उम्मीद की किरण जगी : गीता फोगाट

जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार, नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा इस वर्ष के अंत से पहले नंदिनी नगर, गोंडा (UP) में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया है. इस फैसले के बाद गीता फोगाट ने कहा कि उम्मीद की किरण जगी है कि पहलवानों को इंसाफ मिलेगा.

सीएम खट्टर ने क्या कहा

संजय सिंह के हाल ही में देश की खेल संचालन संस्था के नए प्रमुख के रूप में चुने जाने का जिक्र करते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से हुई और खिलाड़ियों परिणाम स्वीकार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेल पर अधिक ध्यान देना चाहिए. एसोसिएशन को लेकर सामने आया मामला राजनीति में घिर गया है. गौर हो कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह बयान स्टार पहलवान साक्षी मलिक द्वारा संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने के बाद खेल छोड़ने की घोषणा के बाद आया है. हाल के चुनाव परिणामों को विनेश फोगट, बजरंग पुनिया के साथ-साथ साक्षी मलिक सहित शीर्ष पहलवानों ने नाराजगी जताई. इन्होंने अब अपदस्थ डब्ल्यूएफआई प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

भावुक हो गईं थीं साक्षी मलिक

उल्लेखनीय है कि साक्षी मलिक पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ पहलवानों के विरोध का चेहरा थीं. संजय सिंह जो बीजेपी सांसद के करीबी बताए जाते हैं. उनको चुनाव जीतते देख भावुक हुईं साक्षी मलिक 21 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रो पड़ीं थीं. उन्होंने कुश्ती छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने जूते मेज पर रख दिए थे. मलिक की घोषणा के बाद, बजरंग पुनिया ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने हाल के डब्ल्यूएफआई चुनाव परिणामों के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है. पुनिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था- मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं.





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