खानाबदोश की तरह रह रहे हैं विस्थापित ज्ञानीदास बिंदटोली के लोग

Photo of author

By A2z Breaking News



गंगा नदी के कटाव से विस्थापित रंगरा चौक प्रखंड के ज्ञानीदास बिंदटोली के लोग खानाबदोश का जीवन जी रहे हैं. 2022, 2023 में गंगा नदी के भीषण कटाव से ज्ञानीदास टोला बिंदटोली के लगभग 300 से अधिक परिवार विस्थापित हो गये हैं. अधिकतर परिवार पलायन कर दूसरे जगह चले गये हैं. विस्थापित स्व रामदेव की पत्नी अगिया देवी, महेंद्र प्रसाद राम की पत्नी मंजू देवी, अभिषेक की पत्नी अमृता रवि, मुनेश्वर दास की पत्नी मीता देवी, अरुण रविदास की पत्नी रीता देवी, वरुण रविदास की पत्नी कल्पना देवी, सुरेश रविदास की पत्नी निर्मला देवी, नागेश राम की पत्नी मोना देवी, बौकू की पत्नी शांति देवी, पीलो की पत्नी मीणा देवी, अशोक की पत्नी सलिता देवी, बाबूलाल की पत्नी आशा देवी, कृष्ण देव की पत्नी वीणा देवी हैं. यह सभी परिवार सड़क किनारे फूस की झोपड़ी व पॉलीथिन टांग कर रह रहे हैं. 55 विस्थापित परिवार रंगरा व कहलगांव के सीमावर्ती क्षेत्र बटेश्वर स्थान कासरी चले गये हैं. 20 परिवार गंगा नदी के उस पार बारह शीट बहियार में चले गये हैं. विस्थापित परिवार मूलभूत सुविधा शिक्षा, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य लाभ से वंचित हैं. राज्य सरकार की पुनर्वास योजना में भूमिहीन परिवार को पांच डिसमिल जमीन देकर बसाया जाता है.बिहार सरकार की जमीन नहीं रहने पर जमीन खरीदने के लिए लगभग 60 हजार रुपये दिये जाते है, ताकि विस्थापित जमीन खरीद कर घर बना कर रह सके. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाता है लेकिन इस तरह की योजना का लाभ लेने में एक पुश्त गुजर जाता हैं. नवगछिया अनुमंडल में लगभग 10 से 15 हजार विस्थापित परिवार ऐसे हैं जिनकों रहने की जमीन व घर नहीं है.

मूसलधार बारिश से धान के बिचड़े डूबे

प्रखंड क्षेत्र में शनिवार की रात मूसलधार बारिश से किसानों के धान के बिचड़े डूब गये हैं. बारिश से हरपुर, बेलथू, माणिकपुर, भूधरनी सहित अन्य गांवों में धान के बिचड़े डूबे पड़े हैं. किसानों ने वर्षा शुरू होने के तीन दिन पूर्व बड़े पैमाने पर धान का बिचड़ा डाला था, लेकिन बारिश की भेट चढ़ गया है. किसान धान के बिचड़े को पानी में डूबे देख हताश निराश हैं. किसान बारिश थमने की और नजर गड़ाये हुए हैं. धान का बिचड़ा डूबे रहने से किसानों को खेती की चिंता सता रही है.

सजौर विद्युत उपकेंद्र से 15 घंटे बिजली की आपूर्ति ठप

सजौर विद्युत उपकेंद्र के उपभोक्ताओं को 15 घंटे तक बिजली की आपूर्ति नहीं होने लोग पेयजल के लिए परेशान रहे. सजौर विद्युत सबस्टेशन के दरियापुर, दासपुर, अमखोरिया, सजौर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार की रात बारिश के क्रम में गयी बिजली रविवार की शाम तक सुचारू नहीं हो पायी थी. बिजली आपूर्ति ठप रहने से पेयजल संकट से उपभोक्ता परेशान रहे. सजौर विद्युत उपकेंद्र में पर्याप्त मानव बल के रहने के बाद भी फाल्ट की समस्या को दूर करने में कर्मियों को आठ से दस घंटे समय लगाना नियति बन गयी है. मानव बल की मनमानी से उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त है.उपभोक्ताओं का आरोप है कि विभाग के कर्मी सरकारी मोबाइल नंबर पर काल रिसीव नहीं करते हैं, जिससे लोग अपनी बात नहीं रख पाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



<

Discover more from A2zbreakingnews

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d